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गर्भधारण से पहले समझें अपना पीरियड साइकल
Menstrual Health: सबसे ज़रूरी क्यों है?
आप बेबी प्लान कर रही हैं?
ये पल बहुत एक्साइटिंग होता है, लेकिन थोड़ा डराने वाला भी।
सबसे पहले खुद से एक सवाल पूछिए – क्या मेरा साइकल रेगुलर है?
गर्भधारण से पहले ही शरीर आपको संकेत देता है कि वो तैयार है या नहीं – और मासिक चक्र सबसे बड़ा संकेत है।
अगर पीरियड रेगुलर आ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपके हार्मोन संतुलित हैं और आपका प्रजनन तंत्र अच्छी तरह काम कर रहा है।
इसलिए शुरुआती तैयारी के लिए सबसे अच्छा तरीका है – अपने मासिक चक्र को ट्रैक करना।
1. रेगुलर साइकल का मतलब क्या होता है?
अगर कभी 24 दिन, कभी 40 या कभी 18 दिन में पीरियड आते हैं, तो इसे Irregular माना जाता है।
रेगुलर का मतलब है – हर महीने लगभग एक जैसा गैप होना, जैसे हर 26 या 33 दिन में।
21 से 35 दिन के बीच अगर ये गैप रहता है और लगातार एक जैसा होता है, तो ये स्वस्थ और रेगुलर साइकल माना जाता है।
2. प्रेग्नेंसी (गर्भधारण) के लिए रेगुलर साइकल क्यों ज़रूरी है?
आपके मासिक चक्र को आप अपने शरीर की रिपोर्ट समझिए।
अगर ये रेगुलर है, तो इसका मतलब है कि हार्मोन संतुलन में हैं, ओव्युलेशन समय पर हो रहा है और आपको अपने fertile days का अंदाज़ा भी मिल रहा है।
इससे ना सिर्फ गर्भधारण आसान होता है, बल्कि गर्भावस्था (Garbhaavastha) के शुरुआती संकेत भी आप जल्दी पकड़ सकती हैं, जैसे पीरियड मिस होना।
अगर साइकल थोड़ा इधर-उधर हो, तो घबराएं नहीं – ट्रैकिंग से आप इसे समझ सकती हैं।
3. Irregular पीरियड क्यों होते हैं?
इसके कई कारण हो सकते हैं:
- PCOS, एंडोमेट्रियोसिस, PID जैसी कंडीशन्स
- थायरॉइड की गड़बड़ी, हार्मोन असंतुलन
- स्ट्रेस, अचानक वजन घटाना या बढ़ना
- गर्भनिरोधक दवाएं बंद करना
कभी-कभी ब्लीडिंग डिसऑर्डर या प्रजनन अंगों का कैंसर भी कारण हो सकता है।
इसलिए Garbhvati बनने की सोच से पहले ही ट्रैकिंग से आपको ये सब संकेत मिल सकते हैं।
4. साइकल को कैसे ट्रैक करें?
इसमें कुछ भी मुश्किल नहीं है।
Flo, Clue, Natural Cycles जैसे ऐप्स में आप पीरियड की शुरुआत और अंत की तारीखें, लक्षण और मूड तक रिकॉर्ड कर सकते हैं।
या फिर सिंपल डायरी या कैलेंडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इससे आपको एक क्लियर पिक्चर मिलेगी – कितने दिन का साइकल है, ओव्युलेशन कब होता है, और कुछ अलग तो नहीं हो रहा।
5. अगर पीरियड 35 दिन से ज़्यादा का हो?
अगर पीरियड 35, 40 या 60 दिन तक नहीं आता, तो हो सकता है कि ओव्युलेशन ही ना हो रहा हो – और बिना ओव्युलेशन के गर्भधारण नहीं हो सकता।
ये थायरॉइड, PCOS या हार्मोन प्रॉब्लम की वजह से हो सकता है।
6. बहुत जल्दी पीरियड आना (21 दिन से कम)?
अगर बार-बार पीरियड 21 दिन से पहले आ जाए, तो ये चिंता की बात हो सकती है।
हो सकता है आपके अंडाणुओं की संख्या कम हो रही हो या कोई हार्मोनल परेशानी हो रही हो।
7. अनिश्चित या अनियमित पीरियड
कभी 25 दिन में, कभी 40 या कभी स्किप – ऐसे पीरियड को ट्रैक करना मुश्किल होता है।
Garbhdhaaran के लिए सही समय जानना बहुत कठिन हो जाता है।

8. बहुत ज़्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग
अगर बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग हो रही है या हफ्ते से ज़्यादा चल रही है, तो फाइब्रॉइड्स या दूसरी प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
बहुत हल्का फ्लो – एस्ट्रोजन की कमी का संकेत हो सकता है।
9. पीरियड के बीच में स्पॉटिंग
अगर ये ओव्युलेशन के आसपास हो रहा है, तो नॉर्मल हो सकता है।
लेकिन अगर बार-बार या अचानक हो रहा है, तो इन्फेक्शन, फाइब्रॉइड्स या गर्भावस्था की शुरुआत भी हो सकती है।
10. मिस्ड पीरियड
कभी-कभी स्ट्रेस या ट्रैवल के कारण मिस हो सकता है।
लेकिन अगर ये बार-बार हो रहा है, तो ओव्युलेशन चेक करवाएं।
11. बहुत तेज़ दर्द या क्रैम्प्स
अगर दर्द इतना हो कि आपकी दिनचर्या बिगड़ जाए और दवाओं से आराम ना मिले – तो यह एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉइड्स हो सकते हैं।
ऐसे में डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
12. मुंहासे, बालों का बढ़ना या वजन बढ़ना
अगर पीरियड अनियमित हो और साथ में चेहरे पर मुंहासे, अचानक वजन बढ़ना या शरीर पर बाल बढ़ जाएं – तो ये PCOS जैसे हार्मोनल इश्यू की ओर इशारा कर सकता है।
13. हेल्दी साइकल के लिए क्या करें?
- आयरन, ज़िंक और हेल्दी फैट्स वाली डाइट लें
- रोज़ाना पर्याप्त नींद लें और स्ट्रेस कम करें
- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ करें – जैसे वॉक या योगा
- और हां, पीरियड साइकल को नियमित रूप से ट्रैक करें
14. डॉक्टर से कब मिलना चाहिए
- अगर पीरियड रेगुलर नहीं है, बहुत जल्दी या बहुत देर से आ रहा है
- अगर आपको या पार्टनर को कोई हेल्थ कंडीशन है – जैसे थायरॉइड, डायबिटीज
- अगर मिसकैरेज हुआ है या फैमिली में इनफर्टिलिटी का इतिहास है
जल्दी मेडिकल सलाह लेने से Garbhaavastha के सफर में आसानी हो सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- Irregular साइकल में गर्भवती हो सकती हूं?
हां, लेकिन ओव्युलेशन ट्रैक करना थोड़ा कठिन हो सकता है। - कितने महीने ट्रैकिंग करनी चाहिए?
कम से कम 3 से 6 महीने, ताकि पैटर्न समझ सकें। - कभी-कभी साइकल बदलना नॉर्मल है?
हां, लेकिन अगर बार-बार ऐसा हो तो डॉक्टर से मिलें। - बीच साइकल में स्पॉटिंग से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है?
अगर बार-बार हो रहा है या दर्द के साथ है तो हां। - अगर पीरियड मिस हो गया लेकिन प्रेग्नेंसी नहीं है?
एक बार ठीक है, बार-बार हो तो डॉक्टर से मिलें। - PMS और प्रेग्नेंसी के लक्षण में फर्क कैसे करें?
बहुत मिलते-जुलते होते हैं – ट्रैकिंग करने से फर्क समझ आता है।